श्रीमद भागवत गीता में ऐसी कई चीजों कई चीजों का वर्णन किया गया है, जो मनुष्य जीवन से जुडी है, और उनका पालन करना बेहद आवश्यक है | भगवान ने अर्जुन को महाभारत के युद्ध में गीता ज्ञान दिया था | भागवत गीता में श्री कृष्ण ने श्लोक के माध्यम ऐसे कामो और चीजों के बारे में बताया है, जिनके करने से व्यक्ति जीवनभर दुखो का सामना करना पड़ता है | आज हम आपको उन्ही चीजों के बारे में बताने जा रहे है |
यदा देवेषु वेदेषु गोषु विप्रेषु साधुषु।
धर्मो मयि च विद्वेषः स वा आशु विनश्यित।।
इस श्लोक के अनुसार जो व्यक्ति देवता, वेदो, गाय, संतो और धर्म का अपमान करता है, उनके बारे में गली सोचता है उसका विनाश अवश्य होता है |
भगवान का सम्मान
रावण ने कई देवी देवताओ को बंदी बनाया था, उनका अपमान किया था | ये अपमान ही उसके विनाश का कारण बना | इसीलिए हमेशा भगवान का सम्मान करना चाहिए और सच्चे मन से उनकी पूजा अर्चना करनी चाहिए |
वेदो का सम्मान
वेदो और पुराणों का हमेशा सम्मान करना चाहिए | असुरो ने कई बार वेदो को नष्ट करने का प्रयास किया और इसका फल उनको भुगतना पड़ा | वेद ज्ञान के स्त्रोत है, इसीलिए हमेशा इनका सम्मान करना चाहिए |
गायो का सम्मान
हिन्दू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है और गाय में समस्त देवी देवताओ का वास बताया गया है | एक कथा के अनुसार दानव बलासुर ने समस्त गायों का अपहरण कर लिया था और उन पर खूब अत्याचार किये, जब ये बात इंद्रदेव तक पहुंची तो उन्होंने उस राक्षस का वध कर दिया था |
ऋषियों का सम्मान
संतो और ऋषियों का हमेशा सम्मान करना चाहिए | एक कथा के अनुसार ऋषि मैत्रेय एक बार धृतराष्ट्र से मिलने पहुंचे तो धृतराष्ट्र ने उनका खूब स्वागत किया लेकिन दुर्योधन ने उनका अपमान किया | इस बात से ऋषि मैत्रेय नाराज हो गए और उन्होंने दुर्योधन को युद्ध में मारे जाने का श्राप दे दिया था |
धर्म
एक व्यक्ति को हमेशा धर्म का सम्मान करना चाहिए, उसकी मर्यादा का पालन करना चाहिए | अश्वत्थामा द्रोणाचार्य के पुत्र थे और ज्ञानी भी थे, लेकिन वे हमेशा ही अधर्म के रास्ते पर चलते रहे और यही अधर्म उनके विनाश का कारण बना |